बीते कुछ सालों में, भारत बड़ी तेजी से पूरी दुनिया में टेक्नोलॉजी इनोवेशन और डिजिटल बदलावों का केंद्र बनता जा रहा है। अंतरिक्ष मिशन में अग्रणी भूमिका निभाने से लेकर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (सूचना-प्रौद्योगिकी) तथा फिनटेक में प्रगति की अगुवाई तक, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महाशक्ति बनने की दिशा में भारत का यह सफ़र प्रेरणादायक होने के साथ-साथ प्रभावशाली भी है। यहाँ इन बदलावों को प्रेरित करने वाले कारकों के अलावा इस बात पर भी करीब से नज़र डाली गई है कि, भविष्य के लिए इन बदलावों के क्या मायने हैं।
आईटी में धमाकेदार प्रगति: मजबूत बुनियाद की शुरुआत
20वीं सदी के अंत में आईटी में जबरदस्त प्रगति के साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की उन्नति का सफ़र शुरू हुआ। बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहर टेक्नोलॉजी में इनोवेशन का दूसरा नाम बन गए, और इस तरह बेंगलुरु को "भारत की सिलिकॉन वैली" कहा जाने लगा। इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और विप्रो जैसी भारत की बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियों ने विश्व स्तर पर नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जो दुनिया भर में अत्याधुनिक समाधान एवं सेवाएँ प्रदान कर रही हैं।
शुरुआत में पश्चिमी देशों की कंपनियों के लिए सिर्फ लागत बचाने वाली तरकीब कहकर आउटसोर्सिंग मॉडल की आलोचना की गई थी, लेकिन आगे चलकर यही मॉडल होनहार लोगों के साथ-साथ इनोवेशन को बढ़ावा देने वाला एक मजबूत इकोसिस्टम बन गया है। भारत के आईटी प्रोफेशनल्स मौजूदा वक्त में अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) और डेटा एनालिटिक्स सॉल्यूशंस के विकास में सबसे आगे हैं।
स्टार्ट-अप इकोसिस्टम: इनोवेशन के लिए सर्वोत्तम माहौल
भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इसकी लगातार बढ़ रही क्षमता का एक और प्रमाण है। भारत के पास अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है, और दिसंबर 2023 तक के आँकड़ों के अनुसार देश में पंजीकृत स्टार्ट-अप की संख्या 117,000 से ज्यादा है। (पत्र सूचना कार्यालय) (हिंदुस्तान टाइम्स) बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे शहरों में उद्यमशीलता से जुड़ी गतिविधियों की भरमार दिखाई देती है, जिन्हें इनक्यूबेटर्स, एक्सेलरेटर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट के फलते-फूलते नेटवर्क का सहयोग हासिल है।
फ्लिपकार्ट, ओला, ज़ोमैटो और पेटीएम जैसे स्टार्ट-अप ने न केवल बिजनेस के पारंपरिक मॉडल के स्वरूप को बदल दिया है, बल्कि दुनिया में इनोवेशन के मानचित्र में भी भारत को पहचान दिलाई है। इसके अलावा, सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई स्टार्ट-अप इंडिया पहल ने भी फंडिंग, मार्गदर्शन एवं नियामक सहायता प्रदान करके इस इकोसिस्टम को और मजबूत बना दिया है।
टेक्नोलॉजी का स्थान सबसे आगे है
भारत की टेक इंडस्ट्री सिर्फ मात्रा के बारे में नहीं है, बल्कि गुणवत्ता और विविधता के बारे में भी है। भारत के स्टार्ट-अप फिनटेक, हेल्थटेक, एडटेक, एग्रीटेक सहित कई अन्य क्षेत्रों में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। भारत के लैब्स और स्टार्टअप्स से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में लगातार नए-नए इनोवेशन सामने आ रहे हैं, जो अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के मामले में देश को नेतृत्वकर्ता बना रहे हैं।
टेक्नोलॉजी के प्रमुख केंद्र
बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और दिल्ली एनसीआर जैसे शहर बड़ी तेजी से भारत की सिलिकॉन वैली बनते जा रहे हैं, जहाँ बड़ी संख्या में टेक पार्क, इनक्यूबेटर्स और इनोवेशन हब मौजूद हैं। बेंगलुरु को अक्सर भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है और यहाँ हज़ारों स्टार्टअप एवं कई बहुराष्ट्रीय टेक कंपनियाँ हैं, इसलिए यह शहर इस प्रगति का केंद्र बिंदु बना हुआ है।
सरकार का सहयोग एवं नीतियाँ
भारत सरकार देश में स्टार्टअप के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने के इरादे पर अटल है, और यह बात सरकार की अलग-अलग नीतियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से साफ तौर पर दिखाई देता है। देश में इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार करने के उद्देश्य से साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की गई थी। यह पहल स्टार्टअप्स को टैक्स में छूट, अनुपालन में सहूलियत तथा फंडिंग में सहायता सहित कई तरह के फायदे प्रदान करती है।
भविष्य की संभावनाएँ
दुनिया में टेक्नोलॉजी का केंद्र बनने की दिशा में भारत का सफ़र तो अभी शुरू ही हुआ है। जोश व उत्साह से भरे कामकाजी युवाओं की बड़ी संख्या, इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बढ़ते आधार और पूँजी की आसानी से उपलब्धता के साथ, भविष्य आशाजनक दिखाई दे रहा है। डिजिटल परिवर्तन और स्मार्ट शहरों पर विशेष ध्यान देने से विश्व स्तर पर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
निष्कर्ष
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की प्रगति और जोश से भरा स्टार्टअप इकोसिस्टम, सही मायने में पूरी दुनिया में इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी के सबसे प्रमुख केंद्र बनने की राह को आसान बना रहे हैं। पूरी दुनिया देख रही है कि, भारत, जो भी संभव है उसकी सीमाओं को लगातार आगे बढ़ाने का प्रयास जारी रखते हुए ऐसे समाधान तैयार कर रहा है, जो स्थानीय ज़रूरतों को पूरा करने के साथ-साथ दुनिया के बाजारों को भी प्रभावित करने में सक्षम हैं।
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